Antim Jain Tirthankar Kaun The: अंतिम जैन तीर्थंकर कौन थे?
Antim Jain Tirthankar Kaun The:
जैन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, और यह 24 तीर्थंकरों, या आध्यात्मिक शिक्षकों की शिक्षाओं पर आधारित है। वर्तमान समय चक्र में अंतिम तीर्थंकर महावीर थे, जो छठी शताब्दी ईसा पूर्व में रहते थे।
महावीर का जन्म अब बिहार, भारत में एक शाही परिवार में हुआ था। उन्होंने 30 साल की उम्र में संन्यास का जीवन जीने के लिए अपनी संपत्ति और पद का त्याग कर दिया। 12 वर्षों की कठोर साधना के बाद, महावीर को ज्ञान प्राप्त हुआ और वे तीर्थंकर बन गये।
Antim Jain Tirthankar Kaun The: शिक्षाएँ
महावीर की शिक्षाएँ अहिंसा, अपरिग्रह और तप के सिद्धांतों पर आधारित हैं। उन्होंने सिखाया कि जीवन का लक्ष्य मोक्ष, या पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति प्राप्त करना है।
Antim Jain Tirthankar Kaun The: प्रभाव
महावीर की शिक्षाओं का जैन धर्म पर गहरा प्रभाव पड़ा है, और दुनिया भर में लाखों जैनियों द्वारा उनका अनुसरण किया जाता है।
Antim Jain Tirthankar Kaun The
यहां महावीर के बारे में कुछ प्रमुख तथ्य दिए गए हैं।
- उनका जन्म 599 ईसा पूर्व में कुंडग्राम, बिहार, भारत में हुआ था।
- वह सिद्धार्थ और त्रिशला के पुत्र थे।
- उन्होंने 30 साल की उम्र में अपनी संपत्ति और रुतबा त्याग दिया।
- 12 वर्ष की कठोर साधना के बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ।
- वह जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर बने।
- उनकी मृत्यु 527 ईसा पूर्व में पावापुरी, बिहार, भारत में हुई।
महावीर की शिक्षाओं का जैन धर्म पर गहरा प्रभाव पड़ा है, और दुनिया भर में लाखों जैनियों द्वारा उनका अनुसरण किया जाता है। उन्हें जैन इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक माना जाता है और उनकी शिक्षाएँ सभी धर्मों के लोगों को प्रेरित करती रहती हैं।